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पीएमएवाई के बारे में

प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू), भारत सरकार का एक प्रमुख मिशन है जिसका क्रियान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए), द्बारा किया जा रहा है, जिसकी शुरूआत 25 जून 2015 को की गई। इस मिशन के तहत झुग्गी-झोपड़ी वासियों के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के लिए आवास की कमी को पूरा करते हुए वर्ष 2022 तक जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करेगा, सभी पात्र शहरी परिवारों को पक्के घर उपलब्ध करवाये जाने का लक्ष्य है। पीएमएवाई(यू) एक मांग संचालित दृष्टिकोण को अपनाता है जिसमें आवासो की कमी का आकलन राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों द्वारा मांग सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है। राज्य स्तरीय नोडल एजेंसियां ​​(एसएलएनए), शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी)/ कार्यान्वयन एजेंसियां ​​(आईए), केंद्रीय नोडल एजेंसियां ​​(सीएनए) और प्राथमिक ऋणदाता संस्थान (पीएलआई) मुख्य हितधारक हैं जो पीएमएवाई (यू) के कार्यान्वयन और सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिशन में संपूर्ण नगरीय क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें वैधानिक नगर, अधिसूचित नियोजन क्षेत्र, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण या राज्य विधान के तहत कोई भी प्राधिकरण शामिल है जिसे नगरीय नियोजन के कार्य सोंपे गये हैं।

पीएमएवाई (यू) के तहत सभी घरों में शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं। मिशन महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से घरों का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है। विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, एकल महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के कमजोर वगों को प्राथमिकता दी जाती है। पीएमएवाई (यू) आवास लाभार्थियों को सुरक्षा तथा स्वामित्व के गौरव के साथ सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करता है। पीएमएवाई (यू) भौगोलिक स्थितियों, स्थलाकृति, आर्थिक स्थितियों, भूमि की उपलब्धता, बुनियादी ढांचे आदि के आधार पर व्यक्तियों की आवश्यकताओं के अनुरूप एक कैफेटेरिया दृष्टिकोण को अपनाता है।